Monday, 15 August 2016

परिचय





बड़वानी जिले की स्थापना 25 मई 1998 को हुई। पुर्व में यह जिला खरगोन (पश्चिम निमाड़) जिले का एक भाग था। बड़वानी जिला मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है, नर्मदा नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है। जिले के दक्षिण में सतपुड़ा एवं उत्तर में विंध्याचल पर्वतश्रेणिया है।
बड़वानी नाम की उत्पत्ती बड़ के वन से हुई है, जिनसे शहर पुराने समय में घिरा हुआ था । वानी शब्द बगीचे के लिये प्रयोग किया जाता है, इसलिये शहर को बड़वानी नाम से जाना जाता है।
ऐतिहासिक

शहर बड़वानी 1948 से पहले बड़वानी राज्य की राजधानी था । यह छोटासा राज्य अपनी चट्टानी इलाकों और कम उत्पादक भूमि के कारण अंग्रेज, मुगलों और मराठों के शासन से बचा रहा ।
शहर बड़वानी पूर्व में बड़ नगर और सिद्ध नगर के नाम सें भी जाना जाता था । जिला बड़वानी जैन तीर्थ यात्रा केंद्र चुलगिरि और बावनगजा के लिए भी मशहूर है।
बड़वानी का एक ऐतिहासिक प्रतीक है जो तीरगोला के नाम सें जाना जाता है। यह खंडवा-बड़ौदा मार्ग पर सागर विलास पैलेस के सामने स्थित है, और राजा रणजीत सिंह के दिवंगत बेटे की याद में बनाया गया था ।
आजादी से पहले बड़वानी शहर ‘निमाड़ के पेरिस’ के रूप में जाना जाता था ।
भौगोलिक

जिला बड़वानी 21 अंश 37 मिनिट – 22 अंश 22 मिनिट (उत्तर) अक्षांश से 74 अंश 27 मिनिट – 75 अंश 30 मिनिट (पूर्व) देशांश के बीच फैला है।

इस जिले के दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य, पश्चिम में गुजराज राज्य, पुर्व में जिला खरगोन तथा उत्तर में जिला धार है। जिला पश्चिम में उच्चतम बिंदु के साथ आकार में त्रिकोणीय है।
शहर बड़वानी नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है।
जनसंख्या

बड़वानी की जनसंख्या 13,85,659 (2011 जनगणना) दशक में 27.50% की वृद्धि के साथ है।
परिवहन

वायूमार्ग : निकटतम हवाई अड्डा 150 कि.मी. की दूरी पर इंदौर शहर में हैं। जहां से भारत के प्रमुख शहरों मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोलकाता, बंगलूर, पुणे, रायपुर और नागपुर तक प्रमुख एयरलाइनों द्वारा हवाई सेवा उपलब्ध हैं।
रेलमार्ग : बड़वानी में पश्चिम रेलवे (रतलाम मंडल) का आरक्षण काउंटर आंबेडकर पार्क, राजघाट रोड पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन 150 कि.मी. दूरी पर इंदौर में हैं, जो पश्चिमी रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक रेलवे स्टेशन में से एक है। बड़वानी के नजदीक मध्य रेलवे का रेलवे स्टेशन 180 कि.मी. दूर खंडवा में हैं, जो बड़वानी के साथ राज्य राजमार्ग क्रमांक-26 के द्वारा जुड़ा हुआ है।
सडकमार्ग : बड़वानी काफी अच्छी तरह से मध्य प्रदेश और भारत के अन्य भागों से राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। बड़वानी शहर खंडवा-बड़ौदा राज्य राजमार्ग क्रमांक-26 द्वारा व 45 कि.मी. दूरी पर स्थित ग्राम जुलवानिया में आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-03 से जुड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय सें प्रमुख शहर इन्दौर, देवास, उज्जैन, भोपाल, धार, रतलाम, खरगोन, खंडवा, अहमदाबाद, बडौदा और मुंबई तक नियमित यात्री बस सेवा उपलब्ध हैं।
पर्यटन

 बावनगजा (चुलगिरी) एक महत्वपूर्ण जैन तीर्थ केंद्र है। यह जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूरी पर है। वहाँ पहाड़ी पर 15 वीं सदी के 11 मंदिर हैं साथ ही भगवान आदिनाथ की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है। ऐसा कहा जाता हैं कि जैन संत कुंभकर्ण और इंद्रजित नें इस स्थान से ही निर्वान पाया था ।

बीजासन सेंधवा से 20 कि.मी. दूरी पर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-03 पर स्थित है। यह स्थान देवी बीजासनी माता के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

सांवरिया सेठ मंदिर

व्यापार में अच्छे लाभ के लिए एक व्यापारी का दूसरे व्यापारी के साथ पार्टनरशिप करने की बात आपने जरूरी सुनी होगी। लेकिन भारत के कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां व्यापार में लाभ के लिए लोग भगवान को ही अपना पार्टनर बना लेते हैं।

सुनकर आप हैरान भले ही हो लेकिन यह सच है, व्यापारी भगवान को कुछ प्रतिशत की पार्टनरशिप देते हैं। व्यापार में लाभ होने पर भगवान का हिस्सा उन्हें दे दिया जाता है।
ऐसा ही एक प्रसिद्घ मंदिर राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले में उदयपुर हवाई अड्डा से 65 किलोमीटर दूर मंडफिया नामक स्थान में स्थित है। जिन लोगों को व्यापार में बार-बार नुकसान हो रहा होता है वह इस मंदिर में आकर भगवान सांवरिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर बना लेते हैं।
नया कारोबार शुरू करने वाले व्यापारी भी किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए भगवान को पार्टनर बनाने यहां आते हैं। मंदिर में विराजमान सांवरिया सेठ भगवान श्री कृष्ण हैं। उसी तरह बड़वानी में भी इनका एक मंदिर का निर्माण अभी अभी हुआ हैं।

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